Token in C Programming Language

    Token in C language

    C Programming मे  प्रयोग किया जाने वाला प्रत्येक शब्द(words) एक टोकन(token) है अन्य शब्दों में यह प्रोग्राम की सबसे छोटी तथा एकल यूनिट(single unit) को टोकन(token) कहा जाता है टोकन(token) कई प्रकार के होते हैं। 

    जैसे:- 

    1. कीबोर्ड (keyword)
    2. आईडेंटिफाई (identifier)
    3. कांस्टेंट (constant)
    4. सेपरेटर्स (separators) 
    5. ऑपरेटर्स (operators)

    keyword 

    कीवर्ड(keyword) ऐसे शब्द होते हैं जिसका कंपाइलर(compiler) के लिए एक विशेष अर्थ(meaning) होता है। कीवर्ड(keyword) को आईडेंटिफायर(identifier) की तरह प्रयोग में लिया जा सकता है। सी भाषा में कुल 32 कीवर्ड्स(keywords) होते जो निम्नानुसार है। 




    identifier

    किसी फंक्शन(function), वेरिएबल(variable), एरे , स्ट्रक्चर(structure) आदि के नाम को आईडेंटिफायर(identifier) करते हैं, यह प्रोग्रामर(programmer) द्वारा निर्धारित टोकन(token) होते हैं। 
    आईडेंटिफायर(identifier) बनाने की निम्न रूल(rules) होते हैं:- 


    1)  इसमें केवल अल्फाबेट्स(alphabets), डिजिट्स(digits), अंडरस्कोर(_), करैक्टर(characters) हो सकते हैं।

     
    2)  यह किसी डिजिट(digits)यानी1,2,3,4,5,6....  से शुरू नहीं होने चाहिए। 


    3)  यह केस सेंसेटिव(case sensitive) होते हैं, अर्थात main तथा Main दो अलग-अलग                     आईडेंटिफायर(identifier) है। 


    4)   इसमें ट्रैक्टर्स(character) की अधिकतम(maximum) संख्या कंपाइलर(compiler) पर निर्भर करती है। वैसे सभी कंपाइलर(compiler) कम से कम 8 कैरक्टर्स(characters) आते ही है। 


    5)   variable का नाम कोई keywords नहीं होना चाहिए। 


    6)   नाम में white-space(स्पेस, टैब, कैरिज रिटर्न, न्यू लाइन, फॉर्म फीड) नहीं होने चाहिए। 


    7)   आईडेंटिफायर(identifier) अर्थपूर्ण (meaningful)तथा पर्याप्त लंबाई के होने चाहिए। 


    8)   प्रोग्राम में इसकी संख्या कम से कम होनी चाहिए। 


    Constants

    कांस्टेंट(constant) ऐसे डाटा(data) आइटम(item) होते हैं जिसकी वैल्यू(value) को बदला नहीं जा सकता है। इन्हें लिटरल्स(literals) भी कहा जाता है। 

    सी लैंग्वेज(C language) में निम्न प्रकार के कांस्टेंटस(constant)  होते हैं:- 

    (i). integer constant (इंटीजर कांस्टेंटस) 

    (ii). Character constant(करैक्टर कांस्टेंटस )

           (a) single character constant( सिंगल कैरक्टर कांस्टेंटस )

            (b) non graphic character constant(नॉन ग्राफिक करैक्टर कांस्टेंट) 

    (iii). Floating point constant(फ्लोटिंग प्वाइंट कांस्टेंटस) 

    (iv). Spring constant(स्ट्रिंग कांस्टेंट) 


    (i) Integer constant(इंटीरियर कांस्टेंट):- 

    इंटीरियर कांस्टेंट(integer constant) पूर्णांक संख्या होती है अर्थात इसमें दशमलव(.) वाली संख्याएं होती है। 

    इंटीरियर कांस्टेंट(pant) से संबंधित मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं। 

    (a) यह धनात्मक(+) एवं ऋणात्मक(-) दोनों ही प्रकार के होते हैं। 

    (b) इन्हें लिखते समय comma(,) का प्रयोग किया जाता है। 

    जिसे:- 

    123 

    -45 

    +890 


    (ii)Character constant(करैक्टर  कांस्टेंटस):- 

    करैक्टर  कांस्टेंटस(character constant) दो प्रकार के होते हैं: 

    (a) सिंगल कैरक्टर कांस्टेंट(single character constant) तथा 

    (b) नॉनग्राफिक ट्रैक्टर कांस्टेंट(non graphic character constant) इसे escape sequence भी कहा जाता हैं। 

    signle quote('') में  लिखे गए words  को सिंगल करैक्टर कांस्टेंट(single character constant) कहते हैं। 


    उदाहरण के लिए 'x' तथा 'g' सिंगल करैक्टर कांस्टेंट(single character constant) है। नॉनग्राफिक करैक्टर कांस्टेंट(non-graphic character constant) वे होते हैं जिसका कोई ग्राफिकल शेप(graphical shape)   नहीं होता। 

     उदाहरण के लिए बैक-स्पेस(backspace), टैब(tab), न्यू-लाइन(new line) आदि इसके उदाहरण है। नॉन ग्राफिक करैक्टर(non graphic character) को प्रदर्शित(represent) करने के लिए स्केप-सिक्वेंस करैक्टर(escape sequence character) का प्रयोग किया जाता है। 

    escape sequence character को  (backslash) तथा उसके बाद एक या अधिक अक्षरों द्वारा लिखा जाता है 

    निम्न उदाहरण में \t तथा \n कांस्टेंट को समझाया गया है:- 


       
        #include<stdio.h>
        #include<conio.h>
        main(){
            clrscr();
            printf("hello friends");
            printf("hello\tworld");
            printf("\nhello\nworld");
        }
       


    व्याख्या: उपरोक्त प्रोग्राम में सर्वप्रथम clrscr() फंक्शन(function) का प्रयोग किया गया है। यह function screen को साफ करने के काम आता है, ताकि यदि स्क्रीन(screen) पर पहले से कुछ लिखा हुआ है तो वह साफ हो जाए। 

    अगली 3 पंक्तियों(lines) में printf() फंक्शन का प्रयोग escape sequence का प्रयोग समझाने के लिए किया गया है। printf("hello friends") करंट पंक्ति में hello friends प्रिंट(print) कर देगा तथा cursor को उसी पंक्ति में छोड़ देगा. इसे अगला संदेश उसके आगे ही प्रिंट(print) होगा। यह अगले printf("Hello\t world") से साफ है। 

    इस फंक्शन(function) का संदेश hello world उसी पंक्ति में प्रिंट हुआ है इसी संदेश में \t का प्रयोग भी किया गया है। यह टैब स्कोप(tab scope) का कार्य करता है। जिसकी जरूरत टेबल अनुसार संदेश प्रिंट कराने के लिए किया जाता है। सामान्यतः टैब स्कोप(tab scope) को प्रत्येक 8 अक्षरों के बाद स्थित होता है। 

    अतः जहां पर भी \t दिया जाएगा,  अगले टैब स्कोर(tab scope) पर स्थित हो जाएगा। इसलिए hello और world के मध्य में कुछ अतिरिक्त स्पेस(space) नजर आ रही है। 

    अगले printf("\nhello\nworld") में \n का प्रयोग किया गया है। यह कर्सर(cursor) को अगली लाइन में स्थित करने के काम में आता है इसी कारण से hello तथा world दो अलग-अलग हुआ है। 


    (iii)Floating point constant(फ्लोटिंग प्वाइंट कंटेंट):- 

    फ्लोटिंग कांस्टेंट(floating constant) को रियल कांस्टेंट(real constant) भी कहा जाता है। यह दो प्रकार के होते हैं:- 

    फ्रेक्शनल(fractional) रूप में तथा एक्स्पोनेंट(exponent) रूप में। फ्रेक्शनल(fractional) रूप में दशमलव(point) वाली संख्या जाती है जैसे 12.23, -45.56 आदि। एक्स्पोनेंट(exponent) रूप में रियल कांस्टेंट(real constant) को लिखते समय e या E का प्रयोग किया जाता है, 

    जैसे 0.12E45 तथा 0.12e23 आदि। इस प्रकार की संख्या के 2 भाग होते है: Mantissa तथा Exponent. 

    उदाहरण के लिए संख्या 0.12e01  में 0.12(जो e से पहले हैं) को Mantissa तथा 01   को Exponent कहा जाता है। किसी संख्या को 0.12x101 या 0.12E01 के रूप में भी लिखा जा सकता है। 

    String constant(स्ट्रिंग कांस्टेंट):- 

    कैरेक्टर्स के समूह को स्ट्रिंग कांस्टेंट(string constant) कहते हैं। इन्हें double quote("") में लिखा जाता है उदाहरण के लिए "hello", "friends" आदि स्ट्रिंग कांस्टेंट(string constant) है।  

    कांटेक्ट बनाना 

    कांस्टेंट बनाने के लिए const या define keywords प्रयोग में दिए जाते हैं। const कीवर्ड(keyword) के माध्यम से कांस्टेंट बनाने का प्रारूप से निम्न प्रकार है:- 

    const variableName = value 

    उदाहरण: 

      const float PI = 3.14 

     Separators 

    सेपरेटर्स(separators) ऐसे चिन्ह(symbol) होते हैं जो प्रोग्राम(program) के ग्रुप को अलग करने तथा उन्हें व्यवस्थित करने का कार्य करते हैं. 

    जैसे:- 

    1. () पैरेन्थेसीस (parentheses)
    1. {} ब्रेसिस (braces)

     Operator 

    किसी भी फॉर्मूले(formula) में वह तत्व जो यह बताते हैं कि कौन सा ऑपरेशन(operation) किया जा रहा है ऑपरेटर(operator) होते हैं। 

    उदाहरण के लिए 2+8 में  + यह बताता है कि जोड़ने की प्रक्रिया की जानी है। सी लैंग्वेज(c language) में इस तरह के अन्य कई ऑपरेटर(operator) हैं जिन्हें हम आगे के अध्याय में जानेंगे। 

    कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण:- 

        
        #include<stdio.h>
        #include<conio.h>
        main(){
          clrscr();
          printf("\n*");
          printf("\n* *");
          printf("\n* * *");
          printf("\n* * * *");
          printf("\n* * *");
          printf("\n* *");
          printf("\n*");
        }
      

    Output:-


    *
    *   *
    *   *   *
    *   *   *   *
    *     *   *
    *   *
    *
        
     
        #include <stdio.h>
        #include <conio.h>
        main()
        {
            clrscr();
            printf("\nName\tCity\tPhone");
            printf("\nMukesh\tSanchore\t85678 ");
            printf("\nMilap\tDisa\t78678");
            printf("\nDenny\tJhab\t98138");
        }

    Output:-

    Name            City             Phone
    Mukesh        Sanchore     85678
    Milap           Disa             78678
    Dany           Jhab              98138


    ध्यान देने योग्य बिंदु:- 

    1. सी लैंग्वेज(c language) का प्रोग्राम विभिन्न फंक्शनओं(functions) का समूह  है जिसमें से कम से कम वह ज्यादा से ज्यादा एक(at least one 1A and more than one) फंक्शन का नाम main() होना चाहिए। 
    2. सी लैंग्वेज(c language) केस सेंसेटिव(case sensitive) लैंग्वेज(language) है। 
    3. एक प्रोग्राम की सबसे छोटी तथा एकल यूनिट(single unit) को टोकन(token) कहा जाता है। 
    4. keywords, identifiers, constant, separators, operators, आदि tokens  की श्रेणी में आते हैं।  

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