किसी भी प्रोग्राम(program) में डाटा को स्टोर(store) करने के लिए उपयुक्त डाटा टाइप(data type) का वेरिएबल डिक्लेयर(variable declared) किया जाता आवश्यक होता है। डाटा टाइप से यह निर्धारित होता है कि उस वेरिएबल(variable) में किस प्रकार की वैल्यू को स्टोर की जाएगी तथा वह मेमोरी(memory) में कितनी स्पेस(space) लेगा।
Data Type:-
integer में जहां int, log और char आते हैं वही फ्लोटिंग प्वाइंट(floating point) में float, double और long double आते हैं।
सी लैंग्वेज(c language) में हमारे पास चार प्रकार के क्वालीफायर(qualifier) होते हैं जोकि कंपाइल(compiler) के व्यवहार में थोड़ा सा परिवर्तन लाते हैं यह क्वालीफायर(qualifier) unsigned, signed, short तथा log है। इन्हें हम उपरोक्त टेबल में प्रयोग भी कर चुके हैं।
उपरोक्त टेबल में char के आगे रेंज में -128 से 127 दिया गया है। वही unsigned char की रेंज जीरो से 255 है। इसका आशय यह कि यदि हम unsigned प्रयोग करते हैं तो हम कुल 256(255+1)
अलग-अलग से कोई भी अक्षर काम में ले सकते हैं वहीं यदि हम सिर्फ char यू प्रयोग करते हैं तो हम सिर्फ 28 अक्षरों में से ही कोई अक्सर स्टोर कर पाएंगे। यह अक्षर ASCLL Character कहलाते हैं।
क्योंकि कोई भी अक्षर ASCLL Code के माध्यम से ही स्टार्ट होते हैं अतः इसकी रेंज संख्या में भी व्यस्त की जा सकती है।
integer Data type से आशय ऐसी संख्या से है जिसमें डेसिमल नहीं होता। जैसे:- 4569, 14 आदि।
integer 2 byte तू करता है अर्थात यह 16 बीट्स प्रयोग करता है। जब हम Unsigned का प्रयोग करते हैं तो इसका असर यह होता है कि इसमें हम कोई positive number स्टार्ट नहीं कर सकते हैं।
ऐसी स्थिति में सभी 16 बीट्स संख्या को स्टोर करने के काम आती है।
दूसरी और यदि सिर्फ int प्रयोग किया जाता है तो 16 में से 1 बीट '+' या '-' का चिन्ह स्टोर करने में प्रयुक्त हो जाती है तथा शेष 15 बीट्स में संख्या स्टोर होती है। यही कारण है कि Unsigned data type की रेंज अधिक होती है।
float data टाइप से ऐसी ऐसी संख्या से जिसमें डेसिमल होता है। जैसे:- 12.35, 458.215, 45.254 आदि।
long डाटा टाइप integer से अधिक रेंज उपलब्ध कराता है। जहां integer वेरिएबल में सबसे बड़ी धनात्मक संख्या 32767 ही स्टोर करती है वही long मैं यह संख्या 2,14,74,83,647 हैं।
Variable :-
वेरिएबल मेमोरी के किसी स्थान(location) विशेष का नाम है।
अन्य शब्दों में वेरिएबल(variable) मेमोरी(memory) की ऐसी जगह का नाम है जहां पर प्रोग्राम के माध्यम से कोई भी वैल्यू स्टोर की जा सकती है, तथा इसकी वैल्यू को प्रोग्राम के रन होने के दौरान बदला भी जा सकता है।
वेरिएबल डिक्लेयर(declared) करना:-
सी लैंग्वेज(c language) में वेरिएबल(variable) काम में लेने से पूर्व डिक्लेअर(declare) करना आवश्यक होता है वेरिएबल का नाम रखते समय वही नियम काम में लिए जाने आवश्यक है जो आईडेंटिफायर(identifier) के लिए है।इसका प्रारूप निम्न प्रकार है:-
Data type variable1, variable2, variable3......
उदाहरण:
int amount;
float time, rate, interest;
यहां पर डिक्लेअर(declare) करने से कंपाइल(compile) को यह स्पष्ट हो जाता है कि वेरिएबल(variable) का नाम क्या है और यह वेरिएबल(variable) मेमोरी में कितना स्थान लेंगे। यह बात ध्यान रखना आवश्यक है कि फंक्शन में सबसे पहले वेरिएबल को Declear करना आवश्यक है।
वेरिएबल में वैल्यू स्टोर करना:-
वेरिएबल में वैल्यू स्टोर करने का प्रारूप निम्न प्रकार है:-variavleName = value;
उदाहरण:
int amount;
amount = 1200;
इसी प्रकार फ्लोट वेरिएबल में भी निम्नानुसार वैली स्टोर कराई जा सकती है।
float time, rate;
rate = 2.8;
time = 12.5;
ऐसा भी संभव है कि वेरिएबल डिक्लेरेशन(declaration) और वैल्यू स्टोरेज(storage) एक साथ ही कर दिया जाए जैसे:
int amount = 1200;
एक साथ एक से अधिक वेरिएबल में वैल्यू स्टोर कराई जा सकती है जैसे:
time = rate = 2.5;
किंतु यह कार्य डिक्लेरेशन के साथ संभव नहीं है निम्न उदाहरण अमान्य(invalid) है।
float time = rate = 2.5;
यदि किसी वेरी बल को डिक्लेअर(declare) करने से पहले const कीवर्ड(keyword) लगाया जाए तो ऐसे वेरिएबलों(variables) की वैल्यू पूरे प्रोग्राम में स्थिर हो जाएगी, अर्थात उस वेरिएबल की वैल्यू में प्रोग्राम के रन होने के दौरान कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा।
जैसे:
const float pi = 3.1415;
यदि किसी वेरिएबल में उसकी रेंज के बाहर की कोई वैल्यू स्टोर की जाती है तो वेरिएबल में सही वैल्यू स्टार्ट नहीं हो पाएगी। ऐसी स्थिति में वेरिएबल मैं जो वैल्यू स्टोर होगी, उसे गारबेज(garbage) वैल्यू की संज्ञा दी जाती है। उदाहरण स्वरूप यदि किसी इंटीरियर वेरिएबल(रेंज -32768 से +32767) में 75000 स्टोर कराए जाए तो उसमें 75000 स्टोर होने की बजाय कुछ अलग ही वैल्यू स्टोर हो जाएगी, इसीलिए उसे गारबेज(garbage) वैल्यू का जाता है।
Output:-
a = 10
b = 20
Sum = 30
Explain example:-
उपरोक्त example में printf("\n a = %d",a) के "a = %d" इस समय क्योंकि %d एक कंट्रोल करैक्टर है, पता उसकी जगह पर संबंधित वेरिएबल a की वैल्यू प्रदर्शित होगी।
ऐसा ही शेष printf() में भी होगा। printf(..)में प्रयोग किए गए \n का अर्थ न्यू लाइन है, 88 करैक्टर स्क्रीन पर नई लाइन से प्रिंट होगा।
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