Key-board( की-बोर्ड) और Mouse(माउस)
की-बोर्ड (Key-Board) सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाला एवं महत्वपूर्ण इनपुट उपकरण है। यह एक तरह से टाइपराइटर का संशोधित रूप है। इसमें कुंजियों (Keys) की संख्या टाइपराइटर से अधिक होती है। सामान्यतः इनकी संख्या 101 से 108 तक होती है की बोर्ड पर सभी अक्षर (Characters), संख्याएं (Numbers) तथा अन्य चिन्ह होते हैं, जिनके द्वारा डाटा इनपुट किया जाता है।
की-बोर्ड एक केबल के माध्यम से सिस्टम यूनिट से जुड़ा रहता है। केबल का प्लग सिस्टम यूनिट के पीछे निर्मित एक सॉकेट में लग जाता है।
की-बोर्ड में एक की-बोर्ड एनकोडर (Key-Board Encoder) होता है, जो इसकी किसी कुजी (Key) को दबाने पर डाटा को 8 बिट (1 और 0) के कोड में बदलने का कार्य करता है। की-बोर्ड की कुंजियाँ टाइपराइटर की तुलना में आसानी से दबती है तथा दबाने के बाद तुरन्त अंगुली उठा लेनी पड़ती है।
यदि 0.5 सैकण्ड से अधिक समय तक एक ही कुजी को दबाकर रखा जाए तो की-बोर्ड बार-बार एक ही करेक्टर के संकेत कम्प्यूटर में प्रविष्ट करता जाएगा। इससे स्क्रीन पर वही करेक्टर अनेक बार प्रदर्शित हो जाएगा। इस क्रिया को टाइपमैटिक (Typematic) कहते हैं. इस क्रिया की दर 10 बार प्रति सैकण्ड होती है।
(1) Alphabet Keys(वर्णमाला कुंजियाँ ):
टाइपराइटर की तरह ही कम्प्यूटर के की-बोर्ड में अंग्रेजी वर्णमाला के सभी 26 अक्षरों के लिए अलग-अलग कुजियाँ होती हैं। ये कुंजियों की बोर्ड का मुख्य भाग बनाती है। इनका क्रम निश्चित होता है। किसी भी अक्षर वाली कुंजी को दबाकर हम मानीटर की स्क्रीन पर उस अक्षर को देख सकते है। आज अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं के वर्णमाला के की-बोर्ड भी है।
(2) Nurmeric keys(अंक कुजियाँ):
ये कुलियों की बोर्ड के ऊपरी भाग में अंक 0 से 9 तक होती है। ये कुजियाँ निम्न क्रम में व्यवस्थित होती है।
(3) Function Keys(कार्य कुजियाँ):
ये कुंजियों की बोर्ड के सबसे ऊपरी भाग में FI से लेकर F12 तक कुल 12 होती है। ये कुंजियाँ विशेष कार्यों (Function) को करती है।
जैसे:-
कमाण्डों का Assignment(आयटन), सॉफ्टवेयर प्रोग्राम्स में स्क्रीन पर मीनू (Menu) दर्शाना आदि। भिन्न-भिन्न सॉफ्टवेयर में फंक्शन कुजियों का कार्य भिन्न-भिन्न होता है।
(4) Arrow Keys or Cursor Control Keys:-
ये की बोर्ड के नीचे के दायें भाग में होती हैं। इन पर तौर (Arrow) के निशान बने होते हैं। कर्सर (Cursor) को top, down, right, left(ऊपर, नीचे दायें, बायें) ले जाने के लिए इन कुजियों का उपयोग किया जाता है। कर्सर एक विशेषाक्षर अथवा विशेष चिड होता है जो स्क्रीन पर उपयोगकर्ता (User) की स्थिति बताता है जिससे उपयोगकर्ता को यह ज्ञात होता है कि वह जो टाइप करेगा यह स्क्रीन पर कहाँ लिखा जाएगा।
(5) Character Keys (विशेषाक्षर कुंजियाँ ) :-
(6) Special Keys(विशेष कुंजियाँ) :-
की बोर्ड में कुछ विशेष कुजियाँ भी होती है। इनके नाम एवं कार्य निम्नानुसार है
Return or Enter Key(रिटर्न या एन्टर की ) -
यह किसी की बोर्ड में सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाली कुंजी है। कोई शब्द, वाक्य या निर्देश लिखने के पश्चात जब इस कुजी को दबाया जाता है तो वह कम्प्यूटर की मेमोरी में चला जाता है।
End Key(एण्ड् कुंजी) :-
यह कर्सर को स्क्रीन के अन्त में लाती है।
Home Key(होम कुंजी):-
इसका उपयोग कर्सर को स्क्रीन पर बनाए गए किसी डॉक्यूमेन्ट (Document) के प्रारम्भ में ले जाने के लिए होता है।
Back Space Key(बैक स्पेस कुंजी) :-
इस कुंजी के उपयोग से कर्सर के बायीं ओर वाला अक्षर मिटाया जाता है।
Space Bar Key(स्पेस बार कुजी):-
यह की बोर्ड की सबसे लम्बी कुंजी है, इसका उपयोग दो अक्षरों, अंकों या चिह्नों के मध्य स्थान छोड़ने के लिए किया जाता है।
Delete Key(डिलीट कुंजी):-
यह कुंजी कर्सर के दायीं ओर वाले अक्षर को हटाने (Delete) के काम आती है।
Insert Key(इन्सर्ट कुजी):-
यह कुजी दो अक्षरों के मध्य अन्य कोई अक्षर डालने के काम ली जाती है।
Tab Key(टैब कुंजी):-
यह कर्सर को एक लाइन में अथवा अगली लाइन में पूर्व निर्धारित स्थान तक लेकर जाती है।
Escape or Ese Key(एस्केप कुंजी):-
यह की बोर्ड के बायीं ओर ऊपरी कोने में होती है। इसका उपयोग किसी आदेश (Command) या एन्ट्री को रद्द करने अथवा पूर्ववर्ती कमाण्ड या एन्ट्री पर जाने के लिए किया जाता है।
Pause Key(पॉज कुंजी):-
कम्प्यूटर पर चल रही किसी प्रक्रिया (Processing) को अस्थायी रूप से रोकने का कार्य करती है।
Caps Lock Key(कैप्स लॉक कुंजी) :-
इस कुंजी को दबाने पर सभी अक्षर Capital(कैपिटल) में टाइप होते हैं। सामान्य अक्षर टाइप करने के लिए इसे एक बार पुनः दबाना होता है। यह कुंजी सक्रिय होती है तो की बोर्ड पर ऊपरी दायी ओर Caps Lock इन्डिकेटर ऑन हो जाता हैं।
Shift Key(शिफ्ट कुंजी):-
की बोर्ड की अधिकांश कुजियों पर ऊपर एवं नीचे दोनों तरफ अक्षर / अंक / चिह मुद्रित होते हैं। सामान्य रूप से किसी बटन को दबाने से नीचे वाला अक्षर ही टाइप होता है। ऊपर वाले अक्षर को टाइप करने के लिए उस कुंजी को शिफ्ट की के साथ दबाना होता है।
Print Screen Key(प्रिन्ट स्क्रीन कुंजी):-
मॉनीटर की स्क्रीन पर जो भी सामग्री प्रदर्शित हो रही है। उसे प्रिन्ट करने के लिए इस कुंजी का प्रयोग किया जाता है।
Scroll Lock Key(स्क्रॉल लॉक कुंजी) :-
इसका उपयोग स्क्रोलिंग (स्क्रीन को ऊपर, नीचे बायें, दायें सरकाने) प्रारम्भ करने एवं बन्द करने के लिए किया जाता है।
Page Up and Page Down Keys(पेज अप तथा पेज डाउन कुंजियाँ) :-
जिस पेज पर कार्य किया जा रहा है उससे पहले पेज पर जाने के लिए Page Up Key तथा अगले पेज पर जाने के लिए Page Down Key का उपयोग किया जाता है।
(7) Numeric Key Pad(न्यूमेरिक की-पैड):-
यह की बोर्ड के दारों भाग में 17 कुंजियों का समूह होता है, जिसमें 0 से 9 तक के अंकों की कुंजियों होती है, जिनमें से चार कुंजियों पर दिशाएं प्रदर्शित करने वाले तीर (Arrow) अंकित होते हैं। इस भाग की अन्य कुंजियाँ Num Lock, / Home PgUp. PgDn, End. Ins, Del और Enter होती है। जब डाटा केवल अंकों में हो तो तीव्र गति से डाटा एन्ट्री के लिए न्यूमेरिक की पेड का उपयोग किया जाता है।
Wireless keyboard(वायरलैस की बोर्ड)
इस तरह के की-बोर्ड को कम्प्यूटर से कनेक्ट करने के लिए तार का प्रयोग नहीं किया जाता है। इसको कम्प्यूटर से जोड़ने के लिए एक रिसीवर की आवश्यकता होती है जिसे सीपीयू से जोड़ा जाता है।
Mouse(माउस)
कम्प्यूटर के संचालन के लिए प्रयुक्त होने वाले महत्वपूर्ण उपकरणों में से माउस भी एक है। वर्तमान में उपलब्ध ऑपरेटिंग सिस्टमों को देखते हुए तो लगता है कि माउस के बगैर कम्प्यूटर का संचालन करना भी असम्भव है। यह एक छोटा सा उपकरण होता है जिसका आकार चूहे जैसा होने के कारण इसे माउस कहा जाता है।
माउस को किसी समतल सतह पर रखे माउस पैड (Mouse Pad) पर रखकर हाथ से इधर उधर सरकाया जाता है। इसमें दो या तीन बटन होते हैं माउस के बटन को अगुली से दबाया जाता है। इस क्रिया को क्लिक कहते हैं। माउस को माउस पैड पर इधर-उधर सरकाने पर मॉनीटर पर एक तीर की आकृति का चिह्न (4) भी इधर-उचर चलता दिखाई देता है। इस तीर के चिह्न को माउस पॉइन्टर (Mouse Pointer) या माउस कर्सर (Mouse Cursor) कहते है।
माउस एक बहुत की उपयोगी इनपुट उपकरण है। इसके उपयोग से कम्प्यूटर में निर्देशों का प्रेषण काफी आसान हो गया है। माउस द्वारा कम्प्यूटर को बहुत तीव्र गति से चालित किया जा सकता है। चित्र आदि ग्राफिक्स के लिए भी यह उपयोगी है।
माउस का उपयोग सामान्यतः निम्न प्रकारों से किया जाता है :
Single Click(सिंगल क्लिक):-
left बटन के एक क्लिक से स्क्रीन पर 'आब्जेक्ट' या 'ऑप्सन का चयन किया जाता है।
Double Click(डबल क्लिक):-
left बटन से लगातार दो बार क्लिक करने से 'ऑब्जेक्ट' खुल जाता है।
Right Click(राइट क्लिक):-
right बटन को एक बार क्लिक करने पर Context Menu' खुलता है जिसमें कई Option(ऑप्सन) होते हैं।
drag and drop(ड्रेग एण्ड ड्रॉप):-
सिंगल क्लिक द्वारा किसी ऑब्जेक्ट को 'सेलेक्ट करके तथा बायें बटन को दबाए हुए माउस की सहायता से इसे स्क्रीन पर कहीं भी रखा जा सकता है।
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