computer Input Devices

Input Devices



Input  और Output Device Computer और मानव के मध्य Communication की सुविधा प्रदान करते हैं। 
input devices मानवीय भाषा में दिए गए data और Programs को Computer के समझने योग्य रूप मे परिवर्तित करता हैं ये devices Letters और  Numbers और अन्य प्राकृतिक चिन्हों का 0 और 1 बीट(bit) में अनुवाद करते हैं,

 जिन्हें कंप्यूटर समझ सकता है और डाटा प्रक्रिया संभव हो जाती है 
दूसरी ओर आउटपुट डिवाइसेज 0 ओर 1 बीट के संकेतों को अनुदित कर मानव के समझने योग्य भाषा में परिवर्तित कर दे प्रस्तुत करते हैं यह डिवाइस इस आउटपुट को स्क्रीन पर या प्रिंटर या कागज पर छाप कर प्रस्तुत करते हैं 

input-output device


input - output device कंप्यूटर के सीधे नियंत्रण में रहते हैं Display Devices और प्रिंटर इसके उदाहरण है अन्य Input या Output Device जैसे कई इलेक्ट्रॉनिक केस रजिस्टर (Electronic Cash Register)और कंप्यूटर आउटपुट माइक्रोफिल्म डिवाइसेज सहायक उपकरण है यह कंप्यूटर की सामान्य इनपुट डिवाइसेज से भिन्न होती है और इनपुट किया जाने वाला डाटा एक निश्चित रूप में पहले से तैयार करके रखती है 


आउटपुट डिवाइसेज परिणामों को 2 अवस्थाओं में प्रस्तुत करती है हार्ड कॉपी अभी 
किसी कागज या माइक्रोफिल्म पर छपा हुआ आउटपुट हार्ड कॉपी कहलाता है यह स्थाई होती है स्क्रीन या मॉनिटर पर आउटपुट सॉफ्ट कॉपी कहलाते हैं जो कि स्थाई होती है स्क्रीन या मॉनिटर पर आउटपुट के दिखाई देने की क्रिया डिस्प्ले कराती है अतः स्क्रीन या मॉनिटर डिस्पले डिवाइसेज है 

Operator Interface:-

कंप्यूटर से ऑपरेटर का (कार्य करते समय) संपर्क, इंटरफेस (Interface) करता है।  
यदि उचित इनपुट एडवेयर और डिस्प्ले सॉफ्टवेयर (Display Software) उपलब्ध हो तो ऑपरेटर(Operator) जो की डिस्प्ले डिवाइस के संपर्क में है अपने कार्य को प्रभावी रूप से कर सकता है। 

Hardware Interface:-

ऑपरेटर(Operator) कंप्यूटर के मॉनिटर ( Monitor) और इनपुट डिवाइस का एक साथ उपयोग करता है।  इनपुट डिवाइस के रूप में प्राय कीबोर्ड (keyboard) या माउस प्रयोग किए जाते हैं, जब भी कीबोर्ड से किसी अक्षर या करैक्टर(Character)  की  key प्रेस की जाती है तो यह ट्रैक्टर डिस्पले स्क्रीन पर Cursor की स्थिति में दिखाई देता है। 
 cursor स्क्रीन पर टिमटिमाते एक चिन्ह होता है जो यह बताता है कि ऑपरेटर द्वारा इनपुट करैक्टर कहां दिखाई देगा,  माउस स्क्रीन पर स्थित Cursor या Pointer को इधर-उधर ले जाने का कार्य करता है। 

Input Devices:-

इनपुट डिवाइसेज(Input Devices) डाटा(data) और सूचना को कंप्यूटर के समझने योग्य संकेतों(1 और 0 के bit) मैं परिवर्तित करके कंप्यूटर में इनपुट करते हैं। 


आज विभिन्न प्रकार के इनपुट डिवाइसेज बाजार में उपलब्ध है इन डिवाइसेज को दो श्रेणियों में बांटा गया है। 
(i) ऑनलाइन इनपुट डिवाइसेज(On line Input Devices) 
(ii) ऑफलाइन इनपुट डिवाइसेज(Off Line Input Devices) 

On line Input Devices वे उपकरण होते हैं  जो कंप्यूटर के सीधे संपर्क में रहते हैं यह डिवाइसेज कंप्यूटर के साथ सक्रिय होकर इनपुट का कार्य संपन्न करते हैं। 
 Off Line Input Devicesवे उपकरण होते हैं जो कंप्यूटर से सीधे संपर्क में नहीं रहते और यह समय अपने नियंत्रण में कार्य करते हैं।

Some Input Devices:-

(1) की-बोर्ड (Keyboard):- 

कीबोर्ड मुख्य और सुगम ऑन लाइन इनपुट डिवाइस है।  डाटा और प्रोग्राम कीबोर्ड के द्वारा कंप्यूटर में इनपुट किए जाते हैं।  यह पारस्परिक प्रक्रिया(Interactive Processing) के लिए आवश्यक डिवाइस है जिसे यूजर कीबोर्ड से निर्देश या कमांड(Command) Computer को देता है और इसका प्रभाव उत्कार ही स्क्रीन पर दिखाता है। 

(a) सीरियल की-बोर्ड(Serial Keyboard): 

यह डाटा के एक और 0 के बीट्स(Bits) बीट-दर-बीट(bit-by-bit) क्रमानुसार भेजता है। 
कंप्यूटर में एक कनवर्टर सीरियल डाटा को पैरेलल डाटा को परिवर्तन करने के लिए लगाया जाता है

(b) समांतर या पैरेलल कीबोर्ड (Parallel Keyboard):

यह डाटा की सभी 1 और 0 की बीट्स(Bits) को प्रथक-प्रथक तारों(Wires) में एक साथ भेजना है। 
कीबोर्ड की कुंजी दीवाने पर डाटा को 8 बिट(1 और 0 ) के कोर्ट में बदलने का कार्य कीबोर्ड इनकोडर(Keyboard Encoder) करता है। 
Note:- कीबोर्ड में 0.5 सेकंड अधिक समय तक एक ही कुंजी को दबाए रखा जाए तो कीबोर्ड बार-बार एक ही संकेत कंप्यूटर में प्रविष्ट करता जाएगा. इससे स्क्रीन पर वही करैक्टर या अक्सर अनेक बार डिस्प्ले हो जाएगा यह पटाइपमैंटिक (Typematic) कहलाती हैं टाइपमैंटिक की दर सामान्यतः 10 बार प्रति सैकंड (10 times/second) होती हैं। 

की-बोर्ड(Keyboard) की सभी कुंज कम चार भागों में बांट सकते हैं - 
1.) Alphanumeric keys 
2.) numeric keypad 
3.) coca function keys 
4.) special purpose keys

1.) Alphanumeric keys :

यह कीबोर्ड की यह कीबोर्ड का केंद्रीय भाग होता है जिसमें वर्णमाला या अल्फाबेट के अक्षर(A-Z या a-z) और अंकीय(Numeric) करैक्टर(0-9) और अन्य करैक्टर जैसे स्पेसबार(Spacebar),.,./,<,>;,:,",',\,!,`,~,@,#,$,%,^,&,*,(,),_,-,+,=,{,},[,] होते हैं। इसके अलावा इस भाग में विशेष कुंजियां(keys) भी होती है जैसे- Shift, Enter, Backspace, Tab Ctrl, Esc, और Alt. 

2.) numeric keypad(न्यूमैरिक की-पैड): 

 यह कीबोर्ड के दाएं भाग में 17 गुणों का समूह होता है जिसमें 0 से 9 तक के अंको की कुंजी होती है इसमें से चार कुंजा पर दिशाएं व्यक्त करने वाले तिरिया एरो(Arrow) अंकित रहते हैं। इस भाग में अन्य कुंजा भी होती हैं; जैसे - Numlock,  /,  -,  +,  Home,  PgUp, PgDn, Ins और Enter 

न्यूमैरिक कीपैड के दो उद्देश्य (Purpose) होते हैं - 
(a) एरो कुंजो की सहायता से Cursor को चलाना, 
(b) न्यूमैरिक कुंजी ओके द्वारा तेज गति से संख्या डाटा प्रविष्ट(Data Entry) करना। 

3.) coca function keys (फंक्शन कुंजियां )

कीबोर्ड के ऊपरी भाग में 12 फंक्शन कुंजियां होती है जिन पर f1, f2,f3,,f4....f12 अंकित रहता है। 
यह कुंजा विशेष कार्य(Function) को करती है; कमांडो(Commands) का आवंटन(Assignment), सॉफ्टवेयर प्रोग्राम में स्क्रीन पर मैन्यू(menu) दर्शाना आदि। दस्ताना 

4.) special purpose keys (विशिष्ट उद्देश्य कुंजियां):

उन्नत किस्मों के सॉफ्टवेयर विकास के बाद कीबोर्ड भी कई विकी विशेष प्रकार की कुंजू के साथ उपलब्ध किए जा रहे हैं। 
यह कुंजा नए ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ विशेष प्रकार के अनुरूप होते हैं जैसे:- 
Sleep, Power, Volume, Start Shortcut इत्यादि। 

(a) Modifier Key :  यह तीन कुंजियां होती है जिनका प्रयोग shortcut key के साथ किया जाता है, 

जैसे :- 

 1. Alt,

 2 Ctrl,

 3 Shift


(b) Toggle key : -

 यह भी 3 key होती हैं जिसे on/off किया जा सकता है। 

a. Caps lock 

b. Num Lock 

c. Scroll lock

अन्य कुंजियां (other keys)

Navigation key : 

Left, up, right, down,  Home End, pageUp is PageDown

(2) Mouse :-

यह 1 pointing  Input Device है, इसका प्रयोग ग्राफिकल इनपुट देने के लिए किया जाता है। 

 जो माउस में लगे छोटे छोटे रोलरों को संवेदित करती है। यह गति डिजिटल मान (Digital Value) में बदल कर यह व्यक्त करती है कि माउस किस दिशा में गति कर रहा है।

 माउस में दो या दो से अधिक बटन होते हैं जिनको दबाने से स्क्रीन पर प्वाइंटर की सहायता से स्क्रीन के अवैध चुने जाते हैं। उनको अंगुली से दबाने की क्रिया क्लिक(Click) कहलाती है।  माउस प्राय स्क्रीन पर प्वाइंटर(Pointer) को नियंत्रित करता है।  यही स्क्रीन पर कृपया ग्राफिक प्यार करने के भी काम आता है। 

Type of Mouse

(1) Mechanical Mouse :-

इस तरह के माउस में pointing के लिए बोल का प्रयोग किया जाता है। 


(2) Optical mouse :- 

इस तरह के माउस में बोल की जगह पर leaser sensor लगे होते हैं आज कल इसी माउस का प्रयोग सर्वाधिक होता है। 


(3)Wireless mouse :-

यह ऑप्टिकल माउस ही होते हैं लेकिन यह बिना तार का होता है। 

(3)Joystick:-

  यह कहने के लिए काम में आने वाली इनपुट डिवाइस है। जॉयस्टिक के माध्यम से स्क्रीन पर उपस्थित टर्टल या आकृति को स्कैंडल से पकड़ कर चलाया जा सकता है। इसका प्रयोग बच्चों द्वारा प्राय कंप्यूटर पर खेल खेलने के लिए किया जाता है क्योंकि यह बच्चों को कंप्यूटर सिखाने का आसान तरीका है। वैसे तो कंप्यूटर के सारे खेल की बोर्ड द्वारा खेले जाते हैं परंतु कुछ खेल जो तेज गति से खेले जाते हैं, उन खेलों में बच्चे अपने आप को सुविधाजनक महसूस नहीं करते। इसलिए जो स्टिक का प्रयोग किया जाता है। 

(4)Track Ball:- 

यह एक Pointing input device है। जिसका user Graphical input देने के लिए किया जाता है अर्थात यह उल्टे माउस की तरह होता है क्योंकि इसमें बॉल(Ball) ऊपर की तरफ लगी होती है। 
इसका मुख्य Use कंप्यूटर में Motion Data के रूप में इनपुट लेने के लिए किया जाता है।

यह जॉय स्टिक के समान ही कार्य करती है लेकिन छोटे बच्चों द्वारा अधिक उपयोग में लाई जाती है। 

इस की ऊपरी सतह पर एक Ball लगी रहती है जिसको हिलाने पर स्क्रीन पर उपस्थित आकृति को कृषक द्वारा चलाया जा सकता है ट्रैकबॉल का कार्य तो जो स्टिक के समान ही होता है परंतु उसकी आकृति जो स्टिक से भिन्न यानी गोल होती है ट्रैकबॉल लगभग माउस के समान होती है परंतु यह माउस की भांति जटिल नहीं होती इससे कि बच्चों को इसके प्रयोग करने में कठिनाई महसूस ना हो। 


(5) Light Pan:-

लाइट पेन का कंप्यूटर स्क्रीन पर कोई भी आकृति ड्रॉ करने के लिए किया जाता है। लाइट पेन में एक फोटो सेल होता है। लाइट की टिप से जब कंप्यूटर स्क्रीन के ऊपर कोई पिक्चर या आकृति बनाई जाती है तो उसकी प्लस स्क्रीन से ट्रांसमिट होकर प्रोसेस के अंदर प्रवेश करती है। 
 लाइट पेन को मेनू में किए गए ऑप्शन को चुनने व आकृति बनाने के लिए किया जाता है। लाइट पेन द्वारा बनाई गई किसी भी आकृति को कंप्यूटर की मेमोरी में सेव किया जा सकता है। आकृति में विभिन्न प्रकार के रंग भरे जा सकते हैं। लाइट पेन के द्वारा बनाई गई आकृति को आवश्यकतानुसार छोटा और बड़ा किया जा सकता है। 


(6) Scanner :-

स्केनर एक इनपुट डिवाइस। यह कंप्यूटर में किसी पृष्ठ पर बनी आकृति या लिखित टेक्स्ट या सूचना को सीधे इनपुट करता है। इसका मुख्य लाभ यह है कि यूजर को सूचना टाइप नहीं करनी पड़ती। 
 OCR, OMR व MICR,  Scanner के उदाहरण है। इसके अलावा इमेज स्कैनर(Image Scanner) होते हैं जो कि चित्र, फोटोग्राफ, आकृति आदि को कंप्यूटर की मेमोरी में डिजिटल(Digital) अवस्था में इनपुट करते हैं। आजकल PC इसके अंदर उपलब्ध है जिनकी रेजोलिशन (Resolution) 300dpi(dot per inch) से प्रारंभ होती है। 

इकाई क्षेत्रफल में Images के बिंदुओं की संख्या रेजोलिशन(Resolution) कहलाती है। 

स्केनर में स्त्रोत(Source) पृष्ठ को  समतल सतह पर रखा जाता है। इसमें लगे लेजर व प्रकाश स्रोत के द्वारा चित्र को फोटोसेंस(Photosense) करके बाइनरी कोड में  बदलकर कंप्यूटर की मेमोरी में पहुंचा दिया जाता है जिसे कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाता है। 

(7) Digital Camera:-

डिजिटल वीडियो कैमरा एक ऐसा मोबाइल इनपुट डिवाइस है जो कि किसी भी दृश्य को स्टोर करने के काम आता है। 
 इसके माध्यम से हम दृश्य को स्टोर करते समय उस दृश्य को कैमरे के स्क्रीन पर भी देख सकते हैं। 
 डिजिटल वीडियो कैमरा(Digetal Video Camera) बहुत छोटे आकार का इनपुट उपकरण है जिसको एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है। 

Post a Comment

0 Comments